PHYSICAL GEOGRAPHY
भौतिक भूगोल
इसके अंतरगत निम्नलिखित का अध्ययन करना है :-
- SOLAR SYSTEM ( सौर मंडल )
- Intenor Of the Earth (पृथ्वी की आंतरिक संरचना )
- Rocks ( शैल /चट्टानें )
- Lattitude /Longitude (अक्षांश व देशांतर )
- atmosphere (वायुमंडल )
- Ocean (समुद्र )
- Earthquake & Valcono (भूकंप /ज्वालामुखी )
WORLD GEOGRAPHY
विश्व भूगोल
- Mountains पर्वत
- Plateaus पठार
- Lakes झीले
- Rivers नदिया
- Straits जलसंधि
- Agriculture कृषि
- Industry उद्योग
- Deserts मरुस्थल
भारत का भूगोल
Indian Geography
- Location अवस्थिति
- Physiography भूआकृति
- Physical Division भौतिक विभाजन
- Draining System अपवाह तंत्र
- Climate जलवायु
- Natural Vegetation प्राकृतिक वनस्पति
- Soils मिट्टी
- Agriculture कृषि
- Tribes जनजातियां
- Industry उद्योग
- Population जनसंख्या
- Transportation परिवहन
Physical Geography
भौतिक भूगोल
- भूगोल के जनक - एरातोस्थेनेसे
- बिग -बैंग सिद्धांत ( महाविस्फोट सिद्धांत ) - जार्ज लेमेत्रे (13. 7 बिलियन ईयर )
- ब्रह्माण्ड की उत्पति - 12 अरब साल पहले
- सूर्य की उत्पति - 4. 6 अरब साल पहले
- सौरमंडल की उत्पति - 4. 5 अरब साल पहले
- पृथ्वी की उतप्ति -4. 5 अरब साल
तारों का जीवन चक्र
- नेबुला (गैस का बादल ) - संलयन - भारी तत्व (लोहा ) - रक्त दानव
सौर मंडल
- star तारा
- meteor उल्का
- planet ग्रह
- asteroids क्षुद्रग्रह
- dwarf planet बौना ग्रह
ग्रह सौरमंडल में इस प्रकार है
- चट्टानी ग्रह ,पार्थिव ग्रह और गर्म ग्रह को कहते है
- बुध ,शुक्र ,पृथ्वी और मंगल को आंतरिक ग्रह कहते है।
बाहरी ग्रह
- यह गैसीय ग्रह ,जोवीयन ग्रह ,ठन्डे ग्रह को कहते है।
- बृहस्पति ग्रह ,शनि ग्रह ,अरुण और वरुण ग्रह को कहते है।
- सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह को डोमोस कहते है।
- सौरमंडल के सबसे बड़े उपग्रह को गैनिमोड को कहते है।
- टाइटन के पास वायुमंडल नहीं है।
बुध
- सबसे छोटा उपग्रह है
- सबसे छोटा ग्रह है
- इसके पास वायुमंडल नहीं है जिसके कारण बहुत जल्द गर्म और बहुत जल्द ठंडा हो जाता है।
- सर्वाधिक तापान्तर (दिन और रात के तापमान में अंतर )
- सौर मंडल का दूसरा सबसे गर्म ग्रह
- सबसे कम समय में परिभ्रमण (28 दिन में )
शुक्र
- ग्रीन हाउस के प्रभाव के कारण शुक्र सबसे गर्म ग्रह है।
- इसकी दिशा CLOCKWISE होता है।
- यह सर्वाधिक चमकीला ग्रह है
- इसे भोर (सुबह ) और शाम का तारा कहते है।
- पृथ्वी के सबसे नजदीक का ग्रह है सर्वाधिक परिभ्रमण का समय लेता है।
मंगल ग्रह
- इसे लाल ग्रह भी कहते है।
- सौरमंडल का सबसे उच्चा पर्वत इसी ग्रह पर है जिसका नाम निक्स ौलसिया है।
बृहस्पति ग्रह
- इसे लघु सौरमंडल कहते है आकार और संरचना में
- यह सबसे कम समय में घूर्णन करता है।
शनि
- शनि के पास सकेंद्रीय बल पाए जाते है।
- सबसे कम घनत्व वाला ग्रह है।
युरेनस
- विलियन हर्बल के द्वारा खोजा गया ग्रह है।
- इसे लेटा हुआ भी ग्रह कहते है। सबसे ज्यादा झुका हुआ ग्रह कहते है।
- इसे नेपच्युन का जुड़वाँ ग्रह कहते है।
- युरेनस के पास भी सकेंद्रिय बल पाए जाते है।
नेप्चून
- इसे जोहन गाले ने खोजा था।
- सबसे ठंडा वायुमंडल।
- हरे रंग का प्रभाव -मीथेन की उपस्थित के कारण।
क्षुद्रग्रह
- छोटे सौर मंडलीय पिंड है।
- सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह सेरेस है।
- ये मंगल और बृहस्पति गृह के बीच में पाया जाता है।
- पलास ,जूनो और वेस्टा ये कुछ प्रमुख क्षुद्रग्रह है।
उल्कापिंड
- जो पिण्ड वायुमंडल में ही जल जाए वह उल्का है।
- जो पिंड पृथ्वी पर आकर गिर जाए उसे उल्कापिंड कहते है।
प्लूटो
- इसकी खोज क्लाइड टमवेगे ने की थी।
- 2006 से इसे ग्रहों की क्षेणी से निकालकर बौना ग्रह बना दिया गया.
- यह कुइपटर बेल्ट में है।
- इरिस ,मेकमेक और सिडना कुछ प्रमुख ग्रह है।
धूमकेतु
- हेली 75-76 ,टेम्पल -1 ,शूमेकर लेबी और टेम्पल 2 कुछ प्रमुख धूमकेतु है।
- इनका तापमान कम होता है।
- ये गैस ,धूल और बर्फ से बने होते है।
- ब्रह्माण्ड में 100 अरब से ज्यादा आकाश गंगा की संख्या है।
- हमारी आकाशगंगा का नाम मन्दाकिनी (Milkyway ) है।
- हमारी आकाशगंगा से सबसे नजदीकी आकाशगंगा एन्ड्रोमेडा है।
- सर्वाधिक चमकीला तारा साइरस है , सर्वाधिक चमकीला ग्रह शुक्र है और सर्वाधिक चमकीला उपग्रह चन्द्रमा है।
पृथ्वी
- पृथ्वी की आंतरिक संरचना
- पृथ्वी का औसत घनत्व 5.5 gm/cm घन होता है।
- पृथ्वी का औसत तापमान 15 डिग्री सेल्सियस होता है।
पृथ्वी के आंतरिक भाग में असम्बद्धता
- घनत्व में भिन्नता
- कोनोरोड असम्बद्धता -ऊपरी पपड़ी और निचली पपड़ी के बीच
2. मोहो असम्बद्धता
- निचली पपड़ी और ऊपरी प्रवार के बीच
3. रैपिटी असम्बद्धता
- ऊपरी प्रवार और निचली प्रवार के बीच
4. गुटेनवर्ग असम्बद्धता
- निचली प्रवार और निचले क्रोर के बीच
- बाह्य क्रोड़ और आंतरिक क्रोड के बीच
- सम्पूर्ण पृथ्वी में लोहा पाया जाता है
- पृथ्वी के पपड़ी में ऑक्सीजन पाया जाता है।
चट्टान
- इसेक अध्यययन को हम पेट्रोलॉजी कहा जाता है।
श्यालों के प्रमुख तत्व
- क्वार्ट
- फेल्डस्पार
आग्नेय शैल
- यह मैग्मा /ओबलीक लावा के ठोस होने से निर्मित होते है।
- प्राथमिक और ज्वालामुखी चट्टानें भी कहा जाता है।
- ये रवेदार होती है।
- इनमे जीवाश्म और परत नहीं मिलती है।
- ये खनिज संसाधन में धनी होते है।
- जैसे -ग्रेनाइट ,बेसाल्ट ,ग्रैब्रो और ट्युमीश पत्थर पाया जाता है।
अवसादी /परतदार शैल
- ये मृदा और चट्टानों के टुकड़ों के जमाव से निर्मित होता है।
- ये हमेसा परतदार होता है।
- इनमे जीवाश्म पाए जाता है।
- ये जीवाश्म में धनि होते है।
- जैसे -चुना -पत्थर ,बालू का पत्थर ,कोयला ,लाल कला
- कायांतरित , चूनापत्थर -संगरमर , बालूपत्थर - क्वार्ट्सज्जैट
कायांतरित /रूपांतरित चट्टान
- आग्नेय और अवसादी चट्टानों का रूपांतरण है
- आग्नेय और अवसादी चट्टानों के दाब और ताप के कारण परिवर्तन होता है।
- इनके पास परत और जीवाश्म नहीं होता है।
- आग्नेय चट्टान बदल कर रूपांतरित हो जाता है।
- ग्रेनाइट को गर्म करने पर नीस में बदल जाता है।
- बेसाल्ट को गर्म करने पर बोलाइट में बदल जाता है।
अक्षांश और देशांतर
अक्षांश
- ये काल्पनिक रेखाएं है।
- ये समानंतर होता है।
- इसको समान्तर रेखा के नाम से भी जाना जाता है।
- यह सिर्फ भूमध्य रेखा पर पाया जाता है।
- दो अक्षांस के बीच की दुरी को 111 किमी की दुरी होती है।
- अफ्रीका से दोनों अक्षांश रेखा जाती है
देशांतर
- ये काल्पनिक रेखाएं है।
- इसे मध्याह्न रेखा याम्योत्तर ,(दोपहर रेखा ), सभी देशांतर रेखाएं -ग्रेट सर्कल।
- दो देशान्तरों के बीच की दुरी भूमध्य रेखा पर सर्वाधिक (111. 1 KM ) होता है और धुर्वों पर 0 होता है।
- कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर जाती है।
- ये राज्य है - गुजरात ,राजस्थान ,मध्यप्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,झारखण्ड ,पश्चिम बंगाल ,त्रिपुरा और मिजोरम
- प्राकृतिक पृथ्वी के घूर्णन के कारण वाले समय को स्थानीय समय कहा जाता है।
- मानवनिर्मित समय को मानक समय कहा जाता है। यह 360 डिग्री 24 में घूमता है। इसलिए 12 घंटे में 180 डिग्री होगा। इसलिए 1 घंटे में 15 डिग्री होगा। इसलिए 4 मिनट में 1 डिग्री होगा।
- GMT - ग्रीनविच मध्य समय। इसे 0 डिग्री से प्रदर्शित किया जाता है।
- IST -भारतीय मानक समय (Indian Standard Time ) . इसकी शुरुआत 82. 5 डिग्री पूर्व से नैनी (प्रायगराज )उत्तरप्रदेश से शुरू होता है। भारतीय मानक रेखा भारत के 5 राज्यों से होकर जाती है। ये राज्य है - (i ) उतरप्रदेश (ii ) मध्यप्रदेश (iii ) छत्तीसगढ़ (iv ) उड़ीसा (v ) आंध्रप्रदेश। भारत में स्थानीय समय में दो घंटे का अंतर होता है। जब हम पूर्व से पश्चिम जाते है।
- GMT और IST में समय का साढ़े पांच घंटे का अंतर होता है।
भूकंप के कारण
- प्राकृतिक कारण -पृथ्वी के आंतरिक भाग प्लेट टेक्टोनिक के कारण
- ज्वालामुखी क्रिया
- उल्कापिंड
- मानवीय कारण -खनन घसाव ,जलाशय जनित ,परमाणु परिक्षण
प्लेट का संगठन
- स्थलमंडल के टुकड़ों को प्लेट कहा जाता है।
भूकंप और अधिकेंद्र में अंतर
Types of Mountains
- fold mountains (वलित /मोड़दार पर्वत )
- Block Mountains (ब्लॉक पर्वत )
- ज्वालामुखी पर्वत (volcanic Mountains )
- अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountains )
- हिमालय यह विश्व का सबसे नविन एंव सबसे उच्ची पर्वत श्रंखला है।
- एटलस पर्वत यह उत्तरी पश्चिम अफ्रीका में है।
- आलप्स पर्वत यह यूरोप में है। इसकी सबसे ऊँची चोटी का नाम मोंटब्लैक है।
- महान विभाजक क्षेणी
- ब्लॉक
उदाहरण -
- विंध्य श्रेणी (भारत )
- सतपुड़ा श्रेणी (इंडिया )
- साल्ट श्रेणी (पाकिस्तान )
- वास्तेस (फ्रांस )
- ब्लैक फारेस्ट (जर्मनी )
- भ्रंशघाटी -ब्रह्मपुत्र ,नर्मदा ,ताप्ती
- महान अफ्रीकी घाटी विश्व की सबसे लम्बी भ्रंश /दरार घाटी है।
ज्वालामुखी पर्वत
उदहारण -एण्डीज क्षेणी (दक्षिण अमेरिका ) -विश्व की सबसे लम्बी पर्वत श्रृंखला।
- कास्केट क्षेणी -यह मेक्सिको में है।
- रॉकी पर्वत - यह दक्षिणी अमेरिका में है।
- किलिमंजारों पर्वत -यह तंजानिया ,अफ्रीका में है।
- फुजी पर्वत ( यह जापान में है )
अवशिष्ट पर्वत
- पर्वत के बचे हुए भाग
- अरावली श्रृंखला /पहाड़िया
- शेवराय पहाड़िया
- जवादी पर्वत
- पालनी पर्वत (ऊपर के तीन पहाड़ीभारत के तमिलनाडु में है।
- अप्लेशियल पर्व यह USA में है।
- जोलेव यह नर्वे में पर्वत है।
- भारत का भौतिक विभाजन
- उतरी और उतरी पूर्वी पर्वत
- उतरी मैदान (सिंधु ,गंगा ,ब्रह्मपुत्र मैदान )
- सबसे बड़ा प्रायद्वीप -अरबियन प्रायद्वीप
- उतरी एंव उतरी पूर्वी पर्वत - काराकोरम क्षेणी ,लद्दाख़ ,जास्कर क्षेणी ,महान हिमालय मध्य हिमालय,बाह्य हिमालय और सियाचिन।
- LOC - Line of Controll
- Lac - Line of actual controll
- के-2 /गोडविन आस्तीन (8611 M) काराकोरम की सबसे ऊँची चोटी है।
- विश्व की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है।
प्रमुख हिमानी
- सियाचिन हिमानी (ग्लैशियर )- भारत क ासबसे लम्बा ग्लैशियर। विश्व का सबसे ऊँचा युद्धस्थल।
- अन्य ग्लेशियर साल्टोरो ग्लेशियर ,बाल्टोरो ग्लेशियर ,वियाफो ग्लेशियर
- सियाचिन नुब्रा नदी का श्रोत है।
लद्दाख़ क्षेणी
- भारत सबसे लम्बा पठार -दक्कन पठार
- लदाख क्षेणी में सबसे ऊँची चोटी -राकापोशी
जास्कर श्रेणी
- जास्कर नदी का श्रोत।
हिमालय
- वलित या मोड़दार पर्वत का उदाहरण
- विश्व का सबसे युवा नयी और सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला
महान हिमालय (हिमाद्रि )
- इसकी लम्बाई 2400 किमी होती है।
- इसकी चौड़ाई 110-190 किमी होती है।
- इसकी औसत ऊंचाई 6000 किमी होती है।
- इसकी प्रमुख चोटियां नंदा पर्वत (पाकिस्तान ) है।
- इसकी प्रमुख चोटियां कामेट और नंदा देवी (उत्तराखंड ) है।
- यहाँ पर कंचनजंगा चोटी (8558M ) है जो सिक्किम राज्य में है।
- नंदी हिल्स कर्णाटक में है।
- इसकी प्रमुख हिमानी है -गंगोत्री ग्लेशियर ,यमुनोत्री ग्लेशियर ,बन्दरपूँछ ,सतोपंथ ,जेमू -सिक्किम
मिडिल हिमालय
- यह महान हिमालय के समान्तर है।
- इसकी लम्बाई 2400 किमी है।
- इसकी औसत ऊंचाई है 3700-4500 किमी है।
- इसकी चौड़ाई 90-110 किमी है।
मृदा /मिट्टी
- मृदा के अध्ययन को पेडोलॉजी कहते है।
भारत में मृदा का वितरण
जलोढ़ मृदा
- भारत में पायी जानेवाली सबसे ज्यादा मृदा जलोढ़ मृदा है।
- यह मृदा बहुत ही उपजाऊ ,कार्बनिक तत्वों में धनी होती है। वही पर इनमे नाइट्रोजन तथा फास्फोरस में कमी होती है। ये मृदा चावल ,गन्ने की खेती के लिए प्रसिद्ध है।
- वितरण -सिंधु ,गंगा ,ब्रह्मपुत्र मैदान में ,
- राजस्थान में सतरहगलियारा ,पंजाब ,हरियाणा ,उतर प्रदेश ,बिहार ,पश्चिम बंगाल और असम में पायी जाती है।
- महानदी ,गोदावरी ,कृष्णा और कावेरी नदीया द्वारा लाया जाता है।
काली मृदा
- भारत में दूसरी सबसे अधिक मृदा ,ज्वालामुखी उत्पति ,आयरन ऑक्साइड के उपस्थित के कारण काला रंग लेकिन आर्गेनिक पदार्थ में कमी।
- यह मृदा कपास ,मूंगफली तथा तम्बाकू के खेती के लिए प्रसिद्ध है।
- इसकी विस्तार गुजरात ,मालवा पठार के क्षेत्र ,महाराष्ट्र ,कर्नाटक ,तेलंगाना और आंध्रा प्रदेश।
- कपासी मृदा और रेगुर मृदा के नाम से जानी जाती है।
लाल मृदा
- ज्वालामुखी चट्टानों के अपरदन से निर्मित।
- आयरन ऑक्साइड के उपस्थिति इसका रंग लाल होता है।
- इस मृदा में कार्बनिक तत्व की कमी होती है।
- यह मृदा खेती के लिए उपजाऊ नहीं होती है लेकिन इससे इट का निर्माण किया जाता है।
- यह मृदा दक्षिणी दक्कन पठार ,कर्नाटक ,महाराष्ट्र, आँध्रप्रदेश ,झारखंड ,ओडिसा ,तमिलनाडु में पायी जाती है।
लैटेराइट मृदा
- लैटेराइट्स का अर्थ ईट होता है।
- यह मृदा उपजाऊ नहीं होता है। यह मृदा आयरन और सिलिका में धनि होते है। परन्तु इसमें चुने की मात्रा में कमी होती है लेकिन चाय ,कॉफी ,काजू ,साबूदाना के खेती के लिए प्रसिद्ध है।
- काजू के लिए प्रसिद्ध राज्य केरला है।
- यह मृदा झारखण्ड ,उड़ीसा ,कर्णाटक केरल और तमिलनाडु में पायी जाती है।
पर्वतीय मृदा
- भारत में स्थित हिमालयी राज्य इसमें आते है।
- यह मृदा अविकसित ,बहुत ही पतली परत होती है यह मृदा सीढ़ीनुमा खेती के लिए प्रसिद्धि है।
लवणीय मृदा
- सोडियम ,पौटेशियम में अधिकता और नाइट्रोजन ,फास्फोरस और पोटाश में कमी होता है।
- यह मृदा पश्चिमी उत्तरप्रदेश ,हरियाणा ,पंजाब ,गुजरात एंव राजस्थान में पाया जाता है।
भारत में फसलों के प्रतिरूप
रबी
- इसकी बुआई अक्टूबर -नवंबर में किया जाता है।
- इसकी कटाई मार्च -अप्रैल में किया जाता है।
- इसकी प्रमुख फसलें गेंहू ,मटर ,चना ,सरसों है।
खरीफ फसल
- इसकी बुआई जून -जुलाई में होती है।
- इसकी कटाई अक्टूबर -नवंबर में होती है।
- इसकी प्रमुख फसल धान ,गन्ना ,जुट ,अरहर और मक्का होता है।
जायद फसल
- इसकी बुआई अप्रैल-मई -जून में होती है
- इसमें हरी सब्जियों की खेती होती है।
झूम खेती
- इसे काटों और जलवों कृषि के रूप में जानते है। इसे स्थान्तरणशील कृषि के नाम से जाना जाता है।
- इसकी खेती पूर्वी भारत ,उड़ीसा ,छतीशगढ ,मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में होती है।
फसल
चावल
- इसके प्रमुख उत्पादक पश्चिम बंगाल ,यूपी ,छत्तीसगढ़ (चावल का कटोरा ),बिहार ,असम ,उड़ीसा ,डेल्टा स्टेट
- इसेक उत्पादक उतर प्रदेश ,मध्यप्रदेश ,पंजाब ,हरियाणा ,राजस्थान और बिहार है।
गन्ना
- इसके प्रमुख उत्पादक उतर प्रदेश,महाराष्ट्र ,पंजाब ,हरियाणा ,बिहार और तमिलनाडु है।
चाय
- असम (50 %) ,दार्जलिंग ,उतर-पूर्वी भारत ,केरल ,कर्नाटक ,तमिलनाडु इसके प्रमुख उत्पादक है।
कॉफी
- इसके प्रमुख उत्पादक कर्नाटक (75 %) और तमिलनाडु है।
सरसों
- इसके प्रमुख उत्पादक राजस्थान ,मध्यप्रदेश ,उत्तरप्रदेश ,पंजाब और हरियाणा है।
कपास
- इसके प्रमुख उत्पादक गुजरात और महाराष्ट्र ,तेलांगना ,पंजाब है।
मूंगफली
- इसके प्रमुख उत्पादक गुजरात ,महाराष्ट्र ,आंध्रप्रदेश और तेलंगाना है।
खनिज
कोयला
- इसके प्रमुख उत्पादक झारखण्ड ,उड़ीसा ,छत्तीसगढ़ ,पश्चिम बंगाल ,मध्य प्रदेश और तमिलनाडु है।
आयरन /लौह अयस्क
- इसके प्रमुख उत्पादक झारखण्ड ,उड़ीसा ,छत्तीसगढ़ (बैलाडीला खान ),कर्णाटक (कुद्रेमुख ) (बाबाबुदन पहाड़ियां ) ,गोवा ,आंध्र प्रदेश
पेट्रोलियम
- इसके प्रमुख उत्पादक गुजरात (हलोल ,कलोल,आंकड़े श्वर ), महाराष्ट्र (अरब सागर ) ,असम (डिगबोई ) ,नुमालीगढ़ ,राजस्थान (मंगला आयल फील्ड ,बाड़मेर )
प्राकृतिक गैस
- इसके प्रमुख उत्पादक आन्ध्रप्रदेश (गोदावरी ,कृष्णा ) है।