लोकनीति क्या है ?नीति मूल्यांकन की विभिन्न पद्धितियों की विवेचना कीजिये।
उतर - लोकनीति :- यह एक ऐसी नीति है जिससे जनता के जीवन में परिवर्तन आता है। यह नयी आकृति प्रदान करने की शक्ति देता है। यदि आसान शब्दों में कहा जाए तो ,लोक नीति एक रणनीतिक ढांचे की भांति है जिसमे राज्य की सीमा के भीतर रहकर ,सरकार अपनी कार्य करती है।
थॉमस आर. डाई का कहना है कि "लोक निति वह है जिसके अन्तर्गत या तो सरकार कुछ करती है या कुछ नहीं करना चाहती है " और भी बड़े -बड़े विचारक लोकनीति की अलग -अलग परिभाषा दिए। जैसे -"विलियम जेंकिन्स " , "डेविड ईस्टन " , "कोचरन ऐंट एल ", हेरोल्ड लासवेट और अब्राहम कापलान ", "रोबर्ट आईस्टोन " आदि।
इनके परिभाषओं द्वारा यह भी स्पष्ट होता है कि लोक नीति विभिन्न हितधारकों जैसे सरकारी संस्थाएं ,कार्यकारी ,विधायिका ,न्यायपालिका ,नौकरशाही ,विभिन्न संघों ,दबाव समूहों ,नागरिक समाज तथा निजी और अंतराष्ट्रीय संगठनों के मध्य सुनियोजित संबधों और सार्थक संवाद का एक उत्पाद है।
लोक निति की विशेषताएं :
- लोकनीति लक्ष्य उन्मुखी है।
- लोकनीति केवल एक निर्णय ही नहीं बल्कि कार्रवाई का एक तरीका है।
- लोकनीति कुछ करने का परिणाम है यह "कार्य उन्मुख "है और यह इस संदर्भ में नहीं है कि सरकार क्या करने कके लिए बाधित है या क्या इरादा रखती है।
- लोकनीति एक सुनियोजित अच्छी तरह के शोध की गयी कार्यविधि है।
लोकनीति के प्रकार :
- वितरण नीति
- पुनर्वितरण नीति
- नियामक नीतियां
- प्रक्रियात्मक नीतियां
- पूंजीकरण नीतियाँ
- सामूहिक नीतियां
नीति मूल्यांकन की पद्धतियों या नीति निर्माण के मॉडल :-
- थॉमस डाई के अनुसार लोकनीति के मॉडल का महत्व -राजनीती और नीति के सन्दर्भ में हमारी सोच को सरल व स्पष्ट बनाना
- नीतिगत समस्याओं के महत्वपूर्ण पहलुओं की पहचान कराने के लिए।
- राजनितिक जीवन की आवश्यक विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित करके एक -दूसरे के साथ संवाद करने में सहायता हेतु।
- ये मॉडल लोकनीति को सही ढंग से समझने हेतु हमारे प्रयासों को निर्देशित करते है कि क्या महत्वपूर्ण है और क्या महत्वहीन है।
- ये मुख्यतः लोकनीति के लिए स्पष्टीकरण का सुझाव देते है और इसके परिणामों की भविष्यवाणी भी करते है।
थॉमस डाई ने अपनी पुस्तक में "नीति मॉडल " के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की है और उसी अवधारणात्मक योजना का पालन करते हुए ,लोक नीति के मुख्य मॉडल इस प्रकार से है :
- प्रक्रिया मॉडल
- संस्थागत मॉडल
- तर्कसंगत मॉडल
- अभिजात वर्ग /कुलीन मॉडल
- अभिवृद्धशील मॉडल
- समूह मॉडल
- सार्वजानिक विकल्प मॉडल
- व्यवस्था मॉडल
- खेल सिद्धांत
- प्रक्रिया मॉडल - इस मॉडल के अंतर्गत निति निर्माण की प्रक्रिया की जाँच की जाती है। इस प्रक्रिया मॉडल के विभिन्न चरण है :- (1 ) समस्या की पहचान (2 ) कार्यसूची की स्थापना (3 ) नीति निर्माण (4 ) नीति वैधीकरण (5 ) नीति कार्यान्वयन
- संस्थागत मॉडल :- लोक नीति व राजनीतिक संस्थान एक -दूसरे से गहन रूप से सम्बंधित होते है। सभी राजनीती गतिविधियों राजनितिक संस्थानों जैसे -राष्ट्रपति ,कार्यपालिका ,विधायिका ,न्यायपालिका ,नौकरशाही ,शहरी व ग्रामीण सरकारी संस्थानों के द्वारा ही की जाती है तथा इन लोक नीतियों का निर्माण और निष्पादन भी सरकारी संस्थानों के द्वारा ही की जाती है तथा इन लोक नीतियों का निर्माण और निष्पादन भी सरकारी संस्थानों द्वारा ही किया जाता है।
- लोकनीति निर्माण का तर्कसंगत मॉडल :- एक तर्कसंगत नीति वह निति है जो लागत की तुलना में अधिकतम लाभ देती है।
- अभिजात वर्ग मॉडल :- इस मॉडल में लोकनीति अभिजात वर्ग की प्राथमिकताओं और मूल्यों का परिणाम होती है।
- अभिवृद्धिशील मॉडल :- अभिवृद्धिशील मॉडल एक सही तर्कसंगत निर्णय लेने की प्रक्रिया की सीमाओं और यथार्थवादी बाधाओं की पहचान करता है।
- समूह मॉडल :- इस मॉडल के अनुसार लोकनीति समूह संघर्ष का परिणाम होती है।
- लोक चयन मॉडल : यह लोक नीति निर्माण का आर्थिक अध्यनन है।
- व्यवस्था मॉडल : लोकनीति को एक राजनीतिक प्रणाली के रूप में माना जाता है जो पर्यावरण से आने वाली मांग का प्रतिउत्तर देती है।
- खेल सिद्धांत : - यह सिद्धांत इस बारे में नहीं है कि लोग किस प्रकार से अपने निर्णय ले रहे है ,बल्कि यह बताता है कि लोगों को अपने निर्णय किस तरह लेने चाहिए ,यह जानते हुए कि उनके द्वारा चुने हुए विकल्प विशिष्ट परिणाम देंगे और एक तर्कसंगत व्यक्ति के रूप में ,ये परिणाम उनके चयनित विकल्पों पर निर्भर करते है।