प्रश्न :- विश्व बैंक और आईएमएफ के बीच अंतर कीजिये।
उतर :- विश्व बैंक :- विश्व बैंक एक अंतराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है ,जो पूंजी कार्यकर्मों और
परिजोजनावों के लिए विश्व बैंक एक तरह से अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष का साझेदार संगठन है।
विश्व बैंक को "इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एण्ड डेवलपमेंट " "अंतराष्ट्रीय
पुनर्निर्माण एंव विकास बैंक -आईबीआरडी " के नाम से भी जाना जाता है। इसका
मुख्यालय वाशिंगटन डीसी अमेरिका में स्थित यही। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को
पुनर्निर्माण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना एंव विभिन्न देशों की
अर्थव्यवस्थाओं को एक व्यापक अर्थवयवस्था में शामिल करना और विकासशील देशों में
गरीबी उन्मूलन के प्रयास करना है।
- आर्थिक पुनर्निर्माण और विकास के लिए सदस्य देशों को दीर्घकालीन पूंजी प्रदान करना
- भुगतान संतुलन एंव अंतराष्ट्रीय व्यापार में सदस्य देशों को आर्थिक सहायता की उपलब्धि तथा अंतराष्ट्रीय भुगतान में आने वाले संकट का निपटारा तथा उनकी अवधि में कमी।
- इसमें औद्योगीकरण ,शहरीकरण और प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं की पर्यावरणीय लागतों के बारे में अधिक जागरूकता बढ़ावा दिया है।
- विश्व बैंक केवल विकासशील देशों को ऋण देता है
- विश्व बैंक निति सुधार कार्यकर्मों और परियोजनाओं के लिए ऋण देता है।
- अंतराष्ट्रीय पुननिर्माण और विकास बैंक को विश्व बैंक कहा जाता है।
- वर्तमान में विश्व बैंक में 189 देश सदस्य है। विश्व बैंक का सदस्य बनने के लिए किसी भी देश को पहले अंतराष्ट्रीय वित् निगम का सदस्य बनना जरुरी होता है।
- अंतराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहन देना और सदस्य देशों के लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना। विश्व-बैंक नव-उदारवादी प्रतिमान के प्रति आस्थावान रहा है ,जिसने वाशिंगटन की सर्वसम्मति रेखांकित किया।
- अंतराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने की प्रतिबंधता द्वारा निर्देशित है।
- यह वर्किंग फॉर ए वर्ल्ड फ्री ऑफ पॉवर्टी के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- इसकी स्थापना जुलाई 1944 में हुआ था।
- वर्तमान में डेविड मालपास इसके अध्यक्ष है।
- यह बैंक मौद्रिक अंतराष्ट्रीय वित्तीय संगठन पर कार्य करता है।
- इसमें आईबीआरडी और आईडीए बैंक है।
अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष :- अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष एक अंतः सरकारी संगठन है ,जो 1945 में
अस्तित्त्व में आया। इसका मुख्यालय वाशिंगटन में है। वर्तमान में इस संगठन के 189 सदस्य
देश अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते है। इस कोष का
संचालन एक "बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स "द्वारा किया जाता है। जो प्रत्येक सदस्य देश से एक
गवर्नर और एक वैकल्पिक गवर्नर से मिलकर बनता है। इसके मुख्य कार्यों में विनिमय दर
,विनियमन ,विश्व के सभी सदस्य देशों के लघु अवधि की विदेशी मुद्रा देनदारियों की खरीद
,सदस्य देशों को विशेष आहरण अधिकार का आवंटन इत्यादि सम्मिलित है।
- अंतराष्ट्रीय व्यापार का संतुलित विकास एंव विनिमय दरों का स्थिरीकरण।
- भुगतान संतुलन की समस्या की स्थिति के संतुलित विकास को सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक पूंजी निवेश को प्रेरित करना।
- इसका मुख्यउद्देष्य सदस्य देशों के बीच बहुपक्षीय भुगतान प्रणाली को सुगम बनाने ,विनिमय दर स्थिरता सुनिश्चित करने ,विदेशी मुद्रा प्रतिबंधों को दूर करके वित्तीय क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना
- ब्रिटेन वुड्स द्वारा स्थापित निश्चित विनिमय दरों की प्रणाली स्वर्ण विनिमय दर के लिए प्रतिबद्ध थे।
- जबकि अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष के संसाधनों का इस्तेमाल निर्धन राष्ट्रों के साथ -साथ धनि देश भी कर सकते यह।
- जबकि अंतर राष्ट्रिय मुद्रा कोष केवल निति सुधर कार्यकर्मों के लिए ऋण देता है।
- वर्तमान में इसके 186 सदस्य है। सदस्य देशों की संख्या बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थ -व्यवस्था में आईएमएफ का कार्य काफी बढ़ा है। कोई भी देश IMF की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है।
- यह सदस्य देशों में रोजगार को बढ़ावा देने और वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने का प्रयास करता है।
- इसकी स्थापना जुलाई 1944 में हुआ था। सदस्य देशों की संख्या बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में IMF का कार्य काफी बढ़ा है।
- वर्तमान में क्रिस्टीन लेगार्ड इसके अध्यक्ष है।
- इसकी मुद्रा विशिष्ट ड्राइंग अधिकार है
विश्व बैंक और IMF के बीच अंतर
विश्व बैंक व्यक्तिगत स्तर पर विभिन्न देशों के मामलों को लेता है। यह एक देश के भीतर
आर्थिक स्थितियों को सुधारने के तरीकों की तलाश करता है , और यह भी की स्थिति को
सुधारने के लिए सरकारी खर्च को कैसे सही किया जाए। जबकि IMF खुद को सदस्य
राज्यों की व्यापक आर्थिक नीतियों ,भुगतान समस्याओं का संतुलन ,अंतराष्ट्रीय व्यापार
नीतियों और विभिन्न मुद्राओं की विनिमय दरों के साथ चिंतिति करता है ,विश्व बैंक
व्यक्तिगत स्तर पर।
विश्व बैंक सहायता से देशों में अक्षम आर्थिक क्षेत्रों में सुधार और विशिष्ट परियोजनाओं को
लागू करने में सहायता करता है।